उन सभी को साधुवाद जो धर्म,नबी स॰ या जुमा की आड़ में नाम चमकाने व अराजकता के खेल का हिस्सा नहीं;जम्मू से प्रयागराज तक भीड़तंत्र,गाली,पत्थरबाजी व गला काटने को ईमान बताने में शामिल नहीं क्योंकि यह नबी/क़ुरआन के निर्देशों की तौहीन है।मुजरिमों और ज़हरीले टीवी डिबेट पर पूर्णतः लगाम लगे
तलाश एक बहाना था ख़ाक उड़ाने का
पता चला कि हमें जुस्तुजू-ए-यार न थी
~ज़ेब ग़ौरी